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Competitive Gk Questions on sikh religion। सिख धर्म, स्थापना एंव इतिहास, सिख धर्म जीके प्रश्नोत्ररी।

सिक्ख धर्म का परिचय (Introduction to Sikhism)-

सिख धर्म स्थापना एंव इतिहास । Competitive Gk Questions on sikh religion 1
सिख धर्म, स्थापना एंव इतिहास।Gk Questions on sikh religion

दोस्तों यूं तो, सिख धर्म का इतिहास काफी लंबा रहा है, बड़े-बड़े शूरवीर इस समुदाय से आते हैं, जो अपनी मिट्टी की अस्मत के लिए हंसते हंसते बलिदान हो गए, वीर भगत सिंह, सुखदेव को कौन नहीं जानता वह भी इसी समुदाय से आते हैं। सिख धर्म भारतीय उपमहाद्वीप के पंजाब क्षेत्र में 15 वीं शताब्दी के अंत में स्थापित हुआ था । लगभग 25 मिलियन लोग इस धर्म से आते है, इसके साथ ही यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा धर्म है, और यह समानता, निस्वार्थ सेवा और समुदाय में अपने विश्वासों के लिए जाना जाता है। यह धर्म अपने आप में मानव सेवा का प्रतीक है ।

सिक्ख धर्म का आरंम्भिक इतिहास (Early History of Sikhism)-

सिख धर्म की स्थापना (Establishment of Sikhism) गुरु नानक देव जी ने की थी, इनका जन्म 1469 में भारत के पंजाब राज्य के एक गाँव तलवंडी में हुआ था। गुरु नानक एक आध्यात्मिक नेता थे जिन्होंने जाति व्यवस्था का पूर्ण विरोध करके, सदाचार से मानव जीवन जीने का प्रचार- प्रसार किया। वह सभी धर्मों की एकता के महत्व में विश्वास रखते थे और एक नया सवेरा हर मानव समुदाय के लिए लाना चाहते थे, जहां सभी को बराबरी का दर्जा, ओर शिक्षा ग्रहण हों।

गुरु नानक के बाद सिक्ख धर्म में नौ गुरू हुए, जिन्होंने सिख धर्म की शिक्षाओं का विकास और प्रसार जारी रखा। गुरूओ ने, सिख समुदाय के लिए एक अलग पहचान बनाने और धर्म के लिए एक मजबूत नींव रखी, पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव जी ने सिख ग्रंथ को संकलित किया, जिसे गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से जाना जाता है गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का शाश्वत गुरु माना जाता है। सिक्ख गुरूओं ने विदेशी आक्रांतओं का सामना करते हुए अपनी माटी ओर धर्म कि आन-बान-शान के लिए, अपने प्राणों कि आहुती तक दे दी। उनकी इस शाहदत पर सिक्ख समुदाय ही नहीं बल्की पूर भारतवर्ष गौरवान्तित होता है।

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सिक्ख धर्म के सभी दस गुरूओ का विवरण (Description of all ten Gurus of Sikhism)-

1.गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji)
गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में भारत के पंजाब राज्य के एक गांव तलवंडी में हुआ था। गुरू नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरू थे, इन्होंने ही सिख धर्म की स्थापना की। जिन्होंने जाति व्यवस्था को खत्म करके और एक सदाचारी जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया ओर इसका प्रचार किया। गुरु नानक सभी धर्मों की दिव्य एकता के महत्व में विश्वास करते थे। इन्होंने लोगो को इक ओंकार का पाठ पढाया, इक ओंकार यानी सबका ईश्वर एक है। इसलिए हम सभी को मिल- झुलकर साथ रहना चाहिये।

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2.गुरु अंगद देव जी (Guru Angad Dev Ji)-
गुरु अंगद देव जी सिख धर्म के दूसरे गुरु थे, इनका जन्म पंजाब राज्य के फिरोजपुर गांव में हुआ था, इनका असली नाम लहणा था, गूरू नानक ने इनसे प्रभावित होकर इनका नाम गुरू अंगद देव रखा। अंगद देव, गुरु नानक के शिष्य थे और उन्होंने उनकी शिक्षाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ओर पंजाबी शिक्षा के प्रसार में बहुत योगदान दिया। गुरु अंगद देव जी को गुरुमुखी लिपि के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग पंजाबी भाषा लिखने के लिए किया जाता है।

3.गुरु अमर दास जी (Guru Amar Das Ji)-
गुरु अमर दास जी सिख धर्म के तीसरे गुरु थे। उन्होंने गुरु नानक और गुरु अंगद देव जी के कार्यों को जारी रखा और सिख समुदाय की पहुंच का विस्तार किया। गुरु अमर दास जी निःस्वार्थ सेवा और ईश्वर की भक्ति के महत्व पर जोर देने के लिए जाने जाते हैं।

4.गुरु राम दास जी (Guru Ram Das Ji)-
गुरु राम दास जी सिख धर्म के चौथे गुरु थे। उन्होंने अमृतसर शहर की स्थापना की और हरमंदिर साहिब का निर्माण किया, जिसे स्वर्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। गुरु राम दास जी एक सिख के जीवन में गुरु के महत्व पर जोर देने के लिए जाने जाते हैं।

5.गुरु अर्जन देव जी (Guru Arjun dev ji)-
गुरु अर्जन देव जी सिख धर्म के पांचवें गुरु थे। उन्होंने सिख धर्मग्रंथ को गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में जाना जाता है, जिसमें सिख गुरुओं की शिक्षाओं के साथ-साथ अन्य आध्यात्मिक नेताओं के लेखन शामिल हैं। गुरु अर्जन देव जी को 1606 में उनकी शहादत के लिए भी जाना जाता है।

6.गुरु हर गोबिंद जी (Guru Har Gobind Ji)-
गुरु हर गोबिंद जी सिख धर्म के छठे गुरु थे। वह अपने सैन्य नेतृत्व और सिख समुदाय की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। गुरु हर गोबिंद जी आध्यात्मिक और लौकिक अधिकार दोनों के महत्व पर जोर देने के लिए भी जाने जाते हैं।

7.गुरु हर राय जी (Guru Har Rai Ji)-
गुरु हर राय जी सिख धर्म के सातवें गुरु थे। वह अपनी करुणा और प्राकृतिक दुनिया के महत्व पर जोर देने के लिए जाने जाते हैं। गुरु हर राय जी को सिख समुदाय का विस्तार करने और उनकी शिक्षाओं का प्रसार करने के उनके काम के लिए भी जाना जाता है।

8.गुरु हर कृष्ण जी(Guru Har Krishan Ji)-
गुरु हर कृष्ण जी सिख धर्म के आठवें गुरु थे। वह कम उम्र में ही गुरु बन गए थे और अपनी करुणा और दूसरों की सेवा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। गुरु हर कृष्ण जी का कम उम्र में निधन हो गया, लेकिन उनकी शिक्षाएं दुनिया भर के सिखों को प्रेरित करती हैं।

9.गुरु तेग बहादुर जी(Guru Tegh Bahadur Ji)-
गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु थे, इनके बचपन का नाम त्यागमल था,। उन्हें सभी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो। मुगल औरंगजेब द्वारा कश्मिरी पंडितो व अन्य सभी धर्मो के लोगो को मुस्लमान बन जाने का फरमान सुनाया, इसके विरोध में गुरू तेग बहादुर ने मुगलो का खुलेआम विरोध किया। जो औरंगजेब को गवारा न गुजरा ओर गुरू तेग बहादुर को कैद कर लिया गया, मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए हर तरहा की यातनाए दी गयी, मगर जवाब एक ही था- गला कटा लेंगे, मगर केश नही कटायेंगें। 11 नवंबर 1675 को ओरंगजेब का सब्र जवाब दे गया। दिल्ली लालकिले के सामने चांदनी चौक पर आम जन के सामने गुरू तेग बहादुर का सर कलम कर दिया गया, उन्हें शहादत प्राप्त हुई। इतिहासकारो नें इन्हें हिंन्द कि चादर कि संज्ञा दी है।

10.गुरु गोबिंद सिंह जी(Guru Gobind Singh Ji)-
गुरु गोबिंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा, दीक्षित सिखों का एक समुदाय बनाया, जो अपने विश्वास की रक्षा करने और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध थे। गुरु गोबिंद सिंह जी को उनके महत्व पर जोर देने के लिए भी जाना जाता है। धर्म ओर अपनी माटी की रक्षा के लिए जीवनभर मुगलो ले लोहा लेते रहे। मुगलों के अत्याचारों,ओर गरीबो के रक्षक के रूप में उन्होंने 14 युद्ध लडें। धर्म रक्षा में उन्होेने अपने पूरे परिवार का भी बलिदान कर दिया। इसलिए इन्हें सरबंसदानी’ (पूरे परिवार का दान करने वाला) भी कहा जाता है।

मुगल उत्पीड़न का, सिखो द्वारा प्रतिरोध (Sikh resistance to Mughal oppression)-

सम्पूर्ण भारत में जब मुगलों का वर्चस्व था, तब उन्हें सिक्ख समुदाय से खतरा महसूस किया। 16वीं और 17वीं शताब्दी मे, मुगलो ने अपने शासन के दौरान सिख धर्म को रोंदना चाहा क्योंकि पंजाब में सिख ही थे, जिन्होंने मुगला साम्राज्य के खिलाफ आवाज बुलंन्द की, मगलों के बेअंन्त उत्पीडन, अत्याचारों के बाद भी सिख गुरूओ ने मुगलों के आगे घुटने नहीं टिकाए। गुरु अर्जन देव जी 1606 में शहीद हुए, इनके अलावा अन्य कई गुरू भी मुगलों द्वारा मारे दिये गये अथवा उन्हें बंन्दी बना लिया गया। मुगलों ने इन्ताह की हद तक, अत्याचार किया, मगर सिख गुरूओ ने माटी ओर अपने धर्म कि रक्षा के लिए, शाहदत तक अपने धर्म का दामन नहीं छोडा।

इतने उत्पीड़न के बावजूद, सिख गुरूओं ने मुगलों का विरोध करना और अपने अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखा। दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंत कि स्थापना कि, जो अपने अधिकारो की रक्षा करने और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध थे। खालसा ने सिख समुदाय की रक्षा करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सिखों और मुगलों के बीच मुख्य युद्ध ( Main war between the Sikhs and the Mughals)-

सिख इतिहास मुगलों के साथ कई लड़ाइयां लडीं। मुग़ल साम्राज्य एक मुस्लिम साम्राज्य था जिसने 16वीं सदी की शुरुआत से लेकर 19वीं सदी के बीच भारत पर क्रूर शासन किया, जिसका विरोध लाजमी था। सिख समुदायों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंन्द कि ओर इस बीच मुग़ल शासकों के साथ, सिखों के कई संघर्ष हुए जो निम्नलिखित है-

रोहिल्ला की लड़ाई (1621), सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

अमृतसर की लड़ाई (1634), सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

कीरतरपुर की लड़ाई (1635), सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

महराज की लड़ाई (1635), सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

अमृतसर की लड़ाई (1644),सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

सतलज की लड़ाई (1652) सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

भंगानी की लड़ाई (1688), सिखो कि अकाल सेना विजयी हुई।

चमकौर की लड़ाई (1704), इसमें मुगलों कि विजय हुई मगर चाहकर भी मुगल गुरू गोंविन्द सिंह को पकडं नही सके, मुगल सेना कई महीनों तक गोविन्द सिंह को ढूढती रहीं, मगर वो कामयाब ना हो सके।

आनंदपुर की तीसरी लड़ाई (1704)– इसमें भी मुगलों की जीत हुई, मगर उन्हें भारी नुकसान उठाना पडा।

मुक्तसर की लड़ाई (1705), इसमें सिखों कि खालसा सेना कि जीत हुई, वजीर खान के नेत्रत्व वाली मुगली सेना युद्ध छोडकर भाग खडी हुई।

कुल मिलाकर सिखों ने दिल्ली पर 1766 से लेकर 1788 के बीच 19 बार आक्रमण किये, मुगलयां जहांगीर ने गुरू अर्जुन देव को यातनाओं के अन्त तक प्रताडित किया मगर उन्होंने इस्लाम नही कबूल किया। इसके अलावा जहांगीर ने गुरू हरगोविंन्द को ग्वालियर के किले में कैद करा दिया। सिक्ख सेना का अब एक ही दुश्मन था वो था मुगलिया दिल्ली को मिटाना, इन आक्रमणों का कारण भी एक था वो था- प्रितशोध (अपनी माटी के लिए लडते रहेंगें, मुगलों की गुलामी नहीं कबूलेंगे, प्रतिशोध लेकर रहेंगें)

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सिक्ख धर्म का आधुनिक इतिहास (Modern History of Sikhism)-

18वीं और 19वीं शताब्दी में सिख धर्म का विकास जारी रहा, जिसमें कई सिख भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में चले गए। सिखों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और ना जाने कितने ज्ञात- अज्ञात स्वतन्त्र सेनानियो ने हंसते हुए, भारत कि आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया । वीर भगत सिंह भी इन महान आत्माओं मे से एक थे, सम्पूर्ण भारतवर्ष आज भी भगत सिंह को अपने दिलों में जिन्दा रखता है ओर अपना आदर्श मानता है।

इसके विपरीत, 20वीं सदी में, सिख धर्म को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें खालिस्तान के रूप में जानी जाने वाली एक अलग सिख क्षेत्र की मांग भी शामिल थी। 1980 और 1990 के दशक में खालिस्तान की मांग ने पंजाब में हिंसा और आतंकवाद को जन्म दिया और प्रतिशोध में कई निर्दोष सिख मारे गए। सरकार विरोधी, ओर देश विरोधी परचम लहराए गये। खलिस्तान कि मांग, आग की लपटो में बदल गयी, जिसमें हजारों निर्दोष सिखों घर- परिवार उजड गयें।

आज, सिख धर्म दुनिया भर में फल-फूल रहा है, ओर आज भी यहां दूसरों की सेवा करने और एक सदाचारी जीवन जीने पर जोर दिया जाता है। धर्म अपने विशिष्ट प्रतीकों के लिए जाना जाता है, जिसमें पगड़ी और कृपाण (खंजर) शामिल है, जो सेवा और विश्वास की रक्षा के लिए सिख प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

सिख धर्म से संम्बन्धति सामान्य ज्ञान प्रश्न- उत्तर (General Knowledge Questions and Answers related to Sikhism)-

Competitive Gk Questions on sikh religion
1.सिखों के कुल कितने गुरु हुए थे-  10 गुरु
2.सिख धर्म की स्थापना किसने की- गुरु नानक
3.सिखों का आदि ग्रंथ किसने लिखा था-  गुरु नानक
4.गुरुमुखी लिपि के जनक कौन थे- गुरु अंगद, दूसरे गुरु
5.सिखों के तीसरे गुरु कौन थे- गुरु अमर दास
6.धर्म प्रसार हेतु 22 राज्यों की स्थापना की- गुरु अमर दास
7.किस गुरु ने गोइंदवाल में अकबर से भेंट की थी- गुरु रामदास
9.1577 में अमृतसर की स्थापना किसने की- गुरु रामदास
10.सिखों के पांचवें गुरु थे कौन थे- गुरु अर्जुन देव
11.स्वर्ण मंदिर की नींव किसने रखी- गुरु अर्जुन देव
12.ग्रंथ साहिब किसने लिखा था- गुरु अर्जुन देव
13.गुरु अर्जुन देव की हत्या किसने करवाई- जहांगीर ने
14.सिखों के छठे गुरु कौन थे- गुरु हरगोविंद सिंह
15.अकाल तख्त की स्थापना किसने की थी- हरगोविंद सिंह
16.सिखों को सैनिक किसने बनाया था-हरगोविंद सिंह
17.सिखों के सातवें गुरु कौन थे- गुरु हरराय
18.मुगलों के युद्ध में भाग लिया- गुरु हरराय ने
19.सिखों के आठवें गुरु कौन थे- गुरु हरकिशन
20.अल्पअवस्था में किस गुरु की मृत्यु हो गई थी- गुरु हरकिशन
21.सिखों के 90 गुरु कौन थे- गुरु तेग बहादुर
22.इस्लाम कबूल करने पर किसने गुरु तेग बहादुर का सर कटवा दिया था-  औरंगजेब ने
22.इस्लाम कबूल करने पर किसने गुरु तेग बहादुर का सर कटवा दिया था-  औरंगजेब ने
23.सीखो के अंतिम व दसवे गुरु कौन थे- गुरु गोविंद,1675-1708 तक
24.खालसा पंथ की स्थापना किसने की- गुरु गोविंद
25.सिखों का जफरनामा किसने लिखा था- गुरु गोविंद
26.सबसे अधिक लंबे समय तक सिक्खों के गुरु कौन रहे-गुरु गोविंद सिंह
27.सिखों के 5 ककार किसने आवश्यक घोषित किए-गुरु गोविंद सिंह
28.सिख गुरुओं के बाद सिखों का नेता कौन बना- बांन्दा
29.सिख नेता बांन्दा की हत्या किसने कराई थी- फर्रुखशियर ने
30.इतिहास में किसको घृणित कायर कहा गया था- फर्रूखशियर को
31.अबुल फजल की हत्या किसने की थी- वीर सिंह बुंदेला ने
32.शहीद भगत सिंह किस समुदाय से संबंधित है- सिख समुदाय से
33.प्रथम आंग्ल सिख युद्ध लड़ा गया, जिसके परिणाम स्वरूप पंजाब का कुछ हिस्सा अंग्रेजों द्वारा कब्जा लिया गया- 1845-1846 में,
34.दूसरा आंग्ल-सिख युद्ध कब लड़ा गया, जिसके परिणाम स्वरूप पूरा सिख राज्य अंग्रेजी सत्ता के हाथ में आ गया- 1848-1849 में,
35. सिख साम्राज्य की पहली महिला शासिका कौन थी-चांद कौर
36. बाद में, सिख साम्राज्य कितने प्रांतों में बट गया-चार प्रांतों में, मुल्तान, लाहौर, पेशावर, व कश्मीर
37. जलियांवाला बाग हत्याकांड में कितने सिख शहीद हुए- 309 सिख ( नोट-यह मात्र अखबारी आंकडें है)
38. भारत के एकमात्र से सिख प्रधानमंत्री- डॉ मनमोहन सिंह
39. भारत के सिख समुदाय से आने वाले राष्ट्रपति-ज्ञानी जैल सिंह
40. फ्लाइंग सिख के नाम से कौन जाना जाता हैैै-सरदार मिल्खा सिंह
41.सरबंसदानी’ (पूरे परिवार का दानी ) किस कहा जाता है- गुरू गोंविन्द सिंह
42. संत सिपाही किस सिख गुरू को कहा गया है- गुरू गोविन्द सिंह
42. हिन्द की चादर किसे कहा जाता है- गूरू तेग बहादुर
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कृपया ध्यान देंहमने उपरोक्त लिखित सामान्य ज्ञान प्रश्न- उत्तर , गतवर्षो की SSC, UPPCL, UPSSSC, Bank, CPO, CGL, CHSL, MTS,UP Police, Delhi police, DSSSB, परीक्षाओंं से लिए हैं, मैं यकीनन कह सकता हूं कि भविष्य में होने वाली अन्य प्रतियोगिताओं में भी ये क्वेश्चन आपको जरूर लाभ पहुंचाएंगे, मैं दावा नहीं कर रहा मगर यकीन से कह सकता हूं कि, एग्जाम कोई भी हो, सिख धर्म से संबंधित यही क्वेश्चन बार-बार, पूछे जा रहे हैं और पूछे जाते रहेंगे, आप इन्हें पढ़े, और आगे बढ़े।कृपा कर, इस लेख को अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा करे, ताकि अन्य विद्यार्थी भी इसका लाभ ले सकें, आपके लिए मैं ओर कुछ बेहतर कर सकूं इसके लिए कमेंट करे, व अपने सुझाव मेरे साथ साझा कर सकते है , धन्यवाद

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