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Complete information, how to make your children an I A S officer

2024 में, अपने बच्चों को कैसे बनाए एक I A S Officer। Complete information, how to make your children an I A S officer

I A S Officer बनने कि राह-

हमारे भारत में, I A S Officer बनना हर युवा का सपना होता है, मगर कुछ युवा बढ़ती उम्र के कारण या फिर पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर, अपने I A S Officer बनने के सपने को भूलाना ही सही मानते है, खैर इसके विपरीत कुछ लोग इनमें ऐसे भी होते है जो खुद पढाई छोडकर या तो अपने किसी छोटे भाई- बहन को या फिर अपने खुद के बच्चों को I A S Officer बनाने कि ठान लेते है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर गहणता से चर्चा कर आपको बताएगे कि how to make your children an I A S officer.

Complete information, how to make your children an I A S officer
I A S Full Form- Indian Administrative Service
Recruitment Board- Union Public Service Commission (UPSC)
Role- Top-level civil service position in India
Authority- Central and State Governments
Responsibilities- Policy formulation, implementation, and management
Entry-level: Sub-Divisional Magistrate (SDM)
Career -line Mid-level: District Magistrate (DM)
Senior-level: Secretary, Joint Secretary, etc.
Selection Process UPSC Civil Services Examination (Prelims, Mains,and Interview)
Qualification- Bachelor’s degree from a recognized university
Eligibility Age- 21 to 32 years (relaxation for reserved categories)
Foundation Course at Lal Bahadur Shastri
TrainingNational- Academy of Administration (LBSNAA)
followed by specialized training at various
institutes like IAS Training Academy
Salary- As per the 7th Pay Commission and government norms
Short intro an I A S Officer
Complete information, how to make your children an I A S officer
Make your children an I A S officer

हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अपने चुने हुए करियर पथ में उत्कृष्टता प्राप्त करें और बड़ी सफलता हासिल करें। भारत में, भारतीय प्रशासनिक सेवा में, I A S Officer बनना ऐसा ही एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है। आईएएस (I A S Officer) एक प्रतिष्ठित सिविल सेवा पद है जो देश की सेवा करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए अपार अवसर प्रदान करता है। आपके बच्चे की आकांक्षाओं का समर्थन करने में मदद करने के लिए, यह लेख एक आईएएस अधिकारी के रूप में करियर के लिए उनका पालन-पोषण और तैयारी कैसे करें, इस पर एक व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करेगा।

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सर्वप्रथम यूपीएससी सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को समझे-

यूपीएससी कि इस बहुप्रसिद्ध परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। सामान्य वर्ग के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार इस परीक्षा में हिस्सा ले सकते है। आईएएस ऑफिसर बनना हर भारतीय युवा का सपना होता है कि वे एक I A S Officer (अधिकारी) बनकर देश की सेवा करें। कुछ वैभवी छात्र अपनी सटीक स्ट्रैजरी के साथ तैयारी करके पहले ही एटेंम्प में इसे क्लियर करके अपने सपनों को उड़ान देतें है।

वही दूसरी ओर इसके लिए बहुत से युवा कई सालों तक तैयारी करते हैं, तब जाकर उन्हें सफलता हाथ लगती है, ओर ऐसा भी बहुत बार होता है कि तैयारी के दौरान कुछ गलतियों कि वजहा से उन्हें सफलता कभी हाथ लगे ही ना। खैर आज हम इस परीक्षा के पूरे प्रोसेस के बारे में आपको जानकारी देंगे। यह जानकारी आपके बच्चों के साथ- साथ समाज के अन्य बच्चों को आईएएस अफसर (I A S Officer) बनने के लिए प्रेरित करेगी।

यूपीएससी परिक्षा का आयोजन-यह परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। जिसके बाद उम्मीदवार का चयन आईएएस (I A S Officer), आईपीएस(I P S Officer), या आईएफएस (I F S Officer) अधिकारी के रूप में होता है, लेकिन इन सभी अधिकारियों का काम अलग होता है और इनकी भूमिकाएं भी अलग-अलग होती है। ये भारत सरकार के अधीन रहकर देश के उच्चतम विभागो के उच्चतम स्तर पर आसीन रहकर देशहित के लिए कार्य करते है।

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शैक्षणिक योग्यता(Educational qualification)– यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा (सीएसई) देने के लिए आवेदक का किसी भी विषय से ग्रेजुएट होना जरूरी होता है। इस परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है परन्तु सिवल सर्विस परिक्षा के मापदंण्ड में खरे उतरने वाले छात्रों कि माने तो यह उनके लिए सरल परीक्षा है,। हां यह अवश्य है कि आपको इस परिक्षा के लिए लगन ओर सत्यता निष्ठा से कड़ी मेहनत के साथ पढाई करनी पड़ती है।

एग्जाम के लिए उम्र सीमा– यूपीएससी के इस परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स को न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। सामान्य वर्ग के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार इस परीक्षा में हिस्सा ले सकता है। नहीं ओबीसी के लिए उम्र सीमा 21 से 35 साल है और इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स बार एग्जाम दे सकते हैं।

एससी-एसटी के लिए उम्र सीमा 21 साल से 37 साल है, जबकि इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स की एग्जाम अटैंम्प करने की कोई लिमिट नहीं है। साथ ही फिजिकली डिसएबल (पीएच) कैडिडेट्स के लिए उम्र सीमा 21 से 42 साल है। इस कैटेगरी में जनरल और ओबीसी कैंडिडेट्स 9 बार एग्जाम दे सकते हैं, जबकि एससी-एसटी के लिए कोई लिमिट नही है।

परीक्षा के लिए जरूरी सब्जेक्ट सेलेक्शन करना– इस परीक्षा के लिए कुल 25 विषयों में से अपना विषय चुनना होता है। स करते समय यह ध्यान है कि नही चुनें, जिसमें आपको पढ़ाई करना आपके लिए आसान हो और आपकी रुचि उस विषय में ज्यादा हो किसी को देखकर या किसी के कहने पर कोई भी विषय न सेलेक्ट करें।

वैकल्पिक विषयों की सूची में इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान,एग्रीकल्चर, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, इकोनॉमिक, फिलॉसफी, पॉलिटिकल साइंस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है और भाषा (असमिया, बंगाली, बोडी, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू और अंग्रेजी में से किसी एक का चुनाव बतौर ऑप्सनल सब्जेक्ट कर सकते हैं।। वैकल्पिक विषय समग्र परीक्षा में महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं, जिससे उम्मीदवारों को किसी विशेष विषय क्षेत्र में अपने गहन ज्ञान का प्रदर्शन करने की अनुमति मिलती है। इसलिए वैकल्पिक विषय चुनते हुए खुद से अपना परिक्षण करे।

जो विषय ले सकते है- , एनिमल ह0 और बैटरनरी साइंस, मानव विज्ञान बॉटनी, केमिस्ट्री, सिविल इंजीनियरिंग, कॉमर्स और एकाउंटेंसी, इलेक्ट्रिकल, रंगभूगोल भू-विज्ञान, इतिहास, लॉ मैनेजमेंट , मेडिकल साइंस, मनोविज्ञान, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, समाजशास्त्र, टेस्टिक से, जूलॉजी और भाषा (असमिया, बंगाली, बोडी, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू और अंग्रेजी में से किसी एक का चुनाव बतौर ऑप्सनल सब्जेक्ट कर सकते हैं।

आईएएस बनने के लिए परीक्षा पैटर्न– यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए स्टूडेंट्स को 3 स्टेज क्लियर करने पड़ते हैं। इसमें सबसे पहले कैंडिडेट्स को प्रीलिमिनरी एग्जाम पास करना पड़ता है।इसके बाद मेंन्स एग्जाम देना होता है फिर मैंन्स एग्जाम पास होने वाले उम्मीदवारों को वरियता के आधार पर इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। अंत में फाइनल स्कोर से पास हुए उम्मीदवार को एक I A S Officer, I P S Officer या I F S Officer बनने का मौका मिलता है।

प्रीलिम्स एग्जाम- प्रारंभिक परीक्षा चयन प्रक्रिया का पहला चरण है। प्रीलिम्स एग्जाम में उम्मीदवारों को दो-दो घंटे के 2 पेपर करने होते हैं (सामान्य अध्ययन पेपर- I और सामान्य अध्ययन पेपर- II (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट या CSAT)। पहला पेपर विषय संबंधित होता है। वहीं दूसरा पेपर सीसैट कलीफाइंग नैचर का होता है और इसमें पास होने के लिए 33 फीसदी नंबर लाना जरूरी है। वहीं पहले पेपर के नंबर के आधार पर कटऑफ तैयार किया जाता है और कट ऑफ के अनुसार उम्मीदवार मेंन्स एग्जाम के लिए चयनित होते हैं।

मैंन्स एग्जाम– मुख्य परीक्षा चयन प्रक्रिया का दूसरा चरण है। इसमें एक लिखित परीक्षा और एक साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण) शामिल है। लिखित परीक्षा में नौ पेपर शामिल हैं, जिनमें से दो क्वालीफाइंग प्रकृति के हैं (अंग्रेजी और एक भारतीय भाषा)। शेष सात पेपरों का मूल्यांकन योग्यता के आधार पर किया जाता है। इनमें निबंध, सामान्य अध्ययन I, सामान्य अध्ययन II, सामान्य अध्ययन III, सामान्य अध्ययन IV, वैकल्पिक विषय पेपर I और वैकल्पिक विषय पेपर II शामिल हैं। उम्मीदवार यूपीएससी द्वारा प्रदान की गई विषयों की सूची में से एक वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं। मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण) चरण होता है।

इंटरव्यू– मैंन्स पास करने वाले उम्मीदवार को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (डीएएफ) भरना होता है, जिसके आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है। फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं। इंटरव्यू में मिले नंबरों को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है।

रैंकिंग के आधार पर मिलती है पोस्ट– रैंकिंग का निर्णय अलग- अलग कैटेगरी (जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्लूएस) के आधार पर तय की जाती है। जिसके अनुसार चुनें गए अभ्यार्थियों को आईएएस (I A S Officer), आईपीएस (I P S Officer) , या आईएफएस (I F S Officer) रैंक दी जाती है। टॉप को रैंक बालों को आईएएस (I A S Officer) मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालो का रेफरेंस आईपीएस या आईएफएस होता है तो निचले क्रम वालों को भी आईएएस की पोस्ट मिल सकती है।

इसके बाद के रैंक बालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों की ट्रेनिंग दी जाती है। एक आईएएस अधिकारी विभिन्न मंत्रालय और प्रशासन के विभागों में नियुक्त किए जाते हैं। कैबिनेट सचिव एक आईएएस अधिकारी के लिए सबसे वरिष्ठ पद होता है। अतः आप सभी से निवेदन है कि अपने बच्चों के साथ साथ समाज के बच्चों को भी आईएएस बनाने का प्रयास जारी करने का कष्ट करें। सिविल सर्विसेज की तैयारी से संबंधित जानकारी या पूछताछ कर सकते है।

सर्व शिक्षा कि ओर प्रोत्सिहित करें-

एक आईएएस अधिकारी (I A S Officer) के करियर की मजबूत नींव रखने के लिए, अपने बच्चों को एक सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और सार्वजनिक प्रशासन जैसे विषयों पर जोर देते हुए उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर ध्यान दें, साथ ही साथ अपने बच्चें के विशेष कौशल शैली पर भी ध्यान दे। व्यापक परिप्रेक्ष्य विकसित करने के लिए आलोचनात्मक सोच, पढ़ने और लिखने के कौशल को प्रोत्साहित करें।

सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना पैदा करें-

आईएएस अधिकारी (I A S Officer) सरकारी नीतियों को आकार देने और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने बच्चों को सामाजिक जिम्मेदारी, सहानुभूति और करुणा का महत्व सिखाएं। उन्हें सामुदायिक सेवा गतिविधियों में शामिल करें, उन्हें वास्तविक दुनिया के मुद्दों से अवगत कराएं और उन्हें नवीन समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें।

अनुशासन और समय प्रबंधन पर जोर दें-

आईएएस परीक्षा में सफलता के लिए अनुशासन और प्रभावी समय प्रबंधन की आवश्यकता होती है। अपने बच्चों को लक्ष्य निर्धारित करने, अध्ययन कार्यक्रम बनाने और शिक्षा और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाए रखने का महत्व सिखाएं। नियमित अध्ययन, पुनरीक्षण और आत्म-अनुशासन की आदतें डालें।

प्रभावी संचार कौशल विकसित करें-

विभिन्न हितधारकों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने के लिए आईएएस अधिकारियों (I A S Officer) के पास उत्कृष्ट संचार कौशल होना चाहिए। अपने बच्चों को बहस, सार्वजनिक भाषण और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें जो उनके वक्तृत्व कौशल को बढ़ाते हैं। पढ़ने, लिखने और चर्चाओं में शामिल होने को प्रोत्साहित करने से विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की उनकी क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी।

टीम नेतृत्व के गुण को पोषित करें-

आईएएस अधिकारियों (I A S Officer) से विविध टीमों का नेतृत्व और प्रबंधन करने की अपेक्षा की जाती है। अपने बच्चे को समूह गतिविधियों, टीम खेलों और पाठ्येतर गतिविधियों में शामिल करके उसके नेतृत्व गुणों का पोषण करें। उन्हें ज़िम्मेदारियाँ लेने, निर्णय लेने और प्रभावी समस्या-समाधान क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करें।

विश्लेषण करने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें-

आईएएस अधिकारी (I A S Officer) की भूमिका में अक्सर जटिल परिस्थितियों का विश्लेषण करना और महत्वपूर्ण निर्णय लेना शामिल होता है। अपने बच्चों को पहेलियाँ, ब्रेन टीज़र और रणनीतिक खेलों के माध्यम से विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें। समस्या-समाधान और निर्णय लेने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण विकसित करने में उनकी सहायता करें।

करेंट अफेयर्स जागरूकता रखें-

आईएएस उम्मीदवारों के लिए समसामयिक मामलों में अच्छी तरह से रू-ब-रू होना महत्वपूर्ण है। अपने बच्चों को समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, ऑनलाइन पोर्टलों और समाचार चैनलों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों से अपडेट रहने के लिए प्रोत्साहित करें। सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों के बारे में उनकी समझ बढ़ाने के लिए उनके साथ समसामयिक घटनाओं पर चर्चा करें।

परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान करें-

ऐसे सलाहकारों की तलाश करें जिनके पास सिविल सेवाओं या प्रशासनिक क्षेत्रों में अनुभव हो। अपने बच्चों को इन गुरुओं से जोड़ें जो मार्गदर्शन दे सकते हैं, अंतर्दृष्टि साझा कर सकते हैं और आईएएस अधिकारी के करियर में चुनौतियों और अवसरों पर यथार्थवादी दृष्टिकोण प्रदान कर सकते हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सहायता

आईएएस (I A S Officer) चयन प्रक्रिया में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित एक कठोर परीक्षा शामिल होती है। अपने बच्चों को अनुकूल अध्ययन वातावरण, गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री तक पहुंच प्रदान करें और यदि आवश्यक हो तो उन्हें प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में नामांकित करें। उन्हें मॉक टेस्ट का अभ्यास करने, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने और समूह अध्ययन सत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा दें

आईएएस परीक्षा की तैयारी करना मानसिक और भावनात्मक रूप से कठिन हो सकता है। अपने बच्चों में सकारात्मक मानसिकता पैदा करें और उन्हें प्रभावी तनाव प्रबंधन तकनीकें सिखाएं। उन्हें स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने और बर्नआउट से बचने के लिए उन शौक या गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें जिनका वे आनंद लेते हैं।

दृढ़ता और लचीलेपन को प्रोत्साहित करें

आईएएस अधिकारी (I A S Officer) बनने का सफर अक्सर लंबा और चुनौतीपूर्ण होता है। अपने बच्चों को दृढ़ता, लचीलेपन का मूल्य और असफलताओं से सीखने का महत्व सिखाएं। उन्हें ध्यान केंद्रित रहने, कड़ी मेहनत करने और कभी हार न मानने वाला रवैया बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें।

निष्कर्ष

आईएएस अधिकारी (I A S Officer) बनने के लिए समर्पण, कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है, एक छात्र के लिए व्यापक तैयारी एवं रणनीति में, माता-पिता के रूप में आप अपने बच्चों की आकांक्षाओं के पोषण और समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में उल्लिखित दिशानिर्देशों का पालन करके, आप अपने बच्चे की आईएएस अधिकारी बनने की यात्रा का मार्ग प्रशस्त करने में मदद कर सकते हैं।

याद रखें, अपने बच्चों की आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करने और उनकी अच्छी परवरिश सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। उनके शैक्षणिक और करियर लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उनके समग्र विकास, खुशी और कल्याण को भी प्राथमिकता दें।

यह ध्यान देने योग्य है कि आईएएस (I A S Officer) परीक्षा में सफलता और अधिकारी बनना कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा है। हालाँकि, आवश्यक सहायता, सही मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करके, आप अपने बच्चे की वास्तविक संभावनाओं को अधिकतम सच कर सकते है।

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